۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
America

हौज़ा/इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने इस्फ़हान से मुलाक़ात के लिए आने वाले अलग अलग अवामी तबक़ों की सभा को संबोधित करते हुए ईरानी क़ौम से अमरीका के नेतृत्व में विश्व साम्राज्यवाद की दुश्मनी की वजहों का जायज़ा लिया,

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने इस्फ़हान से मुलाक़ात के लिए आने वाले अलग अलग अवामी तबक़ों की सभा को संबोधित करते हुए ईरानी क़ौम से अमरीका के नेतृत्व में विश्व साम्राज्यवाद की दुश्मनी की वजहों का जायज़ा लिया,
1. इस्लामी जुम्हूरिया की तरक़्क़ी, लिबरल डेमोक्रेसी के नज़रिए को ग़लत साबित करती है।
2. इस्लामी जुम्हूरिया ईरान से साम्राज्यवाद को परेशानी यह है कि अगर इस्लामी जुम्हूरिया तरक़्क़ी करे, आगे बढ़े और दुनिया में नाम कमाए तो पश्चिम का लिबरल डेमोक्रेसी का नज़रिया ग़लत साबित हो जाएगा। 


3. पश्चिम, लिबरल डेमोक्रेसी के नाम पर दो सौ साल से ज़्यादा दुनिया को लूटता रहा। एक जगह कहा कि यहाँ आज़ादी नहीं है, एक जगह कहा कि डेमोक्रेसी नहीं है, और घुस गए। डेमोक्रेसी लाने के बहाने उस मालदार मुल्क की दौलत, उसके रिसोर्सेज़ को लूटा। फ़क़ीर यूरोप, भारत और चीन जैसे बहुत से मालदार मुल्कों को मिट्टी में मिलाकर अमीर बन गया। ईरान, सीधे तौर पर कॉलोनी नहीं बना लेकिन इसके  बावजूद उनके बस में जो था, उन्होंने किया।
4. एक नमूना आँखों के सामने यही अफ़ग़ानिस्तान है। अमरीकी आए, बीस साल उन्होंने अफ़ग़ानिस्ताम में जुर्म किए, मुख्तलिफ़ तरह के जुर्म किए, बीस साल के बाद, वही हुकूमत सत्ता में आयी जिसके ख़िलाफ़ अमरीकी घुसे थे, हुकूमत उसी के हवाले की और इस ज़िल्लत के साथ बाहर निकले। 
5. अब अगर दुनिया में कोई हुकूमत, कोई सिस्टम ऐसा आ जाए जो लिबरल डेमोक्रेसी के विचार को ख़ारिज कर दे और सही विचार के ज़रिए लोगों को पहचान दे, मुल्क के अवाम को पहचान दे, उनमें जान भर दे, उन्हें बेदार कर दे, उन्हें ताक़तवर बना दे और लिबरल डेमोक्रेसी के ख़िलाफ़ डट जाए, लिबरल डेमोक्रेसी के इस विचार को ख़ारिज कर दे, तो वह इस्लामी जुम्हूरिया है।

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